नमस्ते दोस्तों, मैं Yuvraj आपका स्वागत करता हूं आपके फेवरेट ब्लॉग Herbal Veda Gyan में। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कमाल की औषधीय बेल की, जो अकेली ही 100 से ज्यादा बीमारियों का इलाज करने की ताकत रखती है गिलोय की पहचान और कहां पाई जाती है? गिलोय के पत्ते हार्ट-शेप और डार्क ग्रीन कलर के होते हैं। यह भारत में लगभग हर जगह पाई जाती है, खासकर पहाड़ी इलाकों में। बिना ज्यादा देखभाल के भी यह बेल लंबे समय तक जीवित रहती है। गिलोय के अद्भुत फायदे आयुर्वेद में गिलोय को अमृता कहा जाता है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कई बीमारियों में राहत देने के लिए जानी जाती है। 1. बुखार में गिलोय को आयुर्वेद में ज्वरघ्न यानी बुखार को खत्म करने वाली औषधि कहा गया है। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है। वायरल फीवर, मलेरिया, टायफाइड, डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक। कई डॉक्टर्स डेंगू या मलेरिया में भी इसे सपोर्टिव थेरेपी के तौर पर लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे प्लेटलेट्स जल्दी बढ़ते हैं और शरीर की रिकवरी तेज होती है। 2. जोड़ों के दर्द में एंट...