नमस्ते
दोस्तों, मैं Yuvraj आपका स्वागत करता हूं आपके फेवरेट ब्लॉग Herbal Veda Gyan में। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कमाल की औषधीय बेल की, जो अकेली ही 100 से ज्यादा बीमारियों का इलाज करने की ताकत रखती है
गिलोय की पहचान और कहां पाई जाती है?
गिलोय के पत्ते हार्ट-शेप और डार्क ग्रीन कलर के होते हैं। यह भारत में लगभग हर जगह पाई जाती है, खासकर पहाड़ी इलाकों में। बिना ज्यादा देखभाल के भी यह बेल लंबे समय तक जीवित रहती है।
गिलोय के अद्भुत फायदे
आयुर्वेद में गिलोय को अमृता कहा जाता है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कई बीमारियों में राहत देने के लिए जानी जाती है।
1. बुखार में
- गिलोय को आयुर्वेद में ज्वरघ्न यानी बुखार को खत्म करने वाली औषधि कहा गया है।
- शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है।
- वायरल फीवर, मलेरिया, टायफाइड, डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक।
- कई डॉक्टर्स डेंगू या मलेरिया में भी इसे सपोर्टिव थेरेपी के तौर पर लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे प्लेटलेट्स जल्दी बढ़ते हैं और शरीर की रिकवरी तेज होती है।
2. जोड़ों के दर्द में
- एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण सूजन कम करते हैं।
- गठिया, Rheumatoid Arthritis में राहत।
- गिलोय में एंटी-इन्फ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) गुण होते हैं।
- यदि किसी को जोड़ों में हमेशा दर्द और अकड़न रहती है, तो गिलोय का काढ़ा या पाउडर मदद कर सकता है।
3. वायरल इंफेक्शन में
- एंटी-वायरल प्रॉपर्टीज से सर्दी, खांसी, फ्लू में शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करती हैं।
- इम्यूनिटी बूस्ट कर बार-बार होने वाले इन्फेक्शन से बचाती है।
- गिलोय को इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है।
- इसका नियमित सेवन करने से आप छोटे-मोटे इन्फेक्शन से बचे रहते हैं।
4. डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में
- गिलोय का रस पपीते के पत्तों के रस के साथ लेने पर प्लेटलेट्स रिकवरी तेज होती है।
- डेंगू में प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरते हैं। यह खतरनाक हो सकता है।
- गिलोय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर वायरस के असर को कम करता है।
- हालांकि, गंभीर मामलों में हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
5. ब्लड शुगर कंट्रोल
- हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट की तरह काम कर ब्लड शुगर बैलेंस करती है।
- डायबिटीज़ में ब्लड शुगर लेवल संतुलित करती है।
- डायबिटीज के मरीजों को गिलोय का जूस या काढ़ा फायदा पहुंचा सकता है।
6. हाई BP और डाइजेशन
- गिलोय का काढ़ा हाई ब्लड प्रेशर को संतुलित करने और पाचन शक्ति को मजबूत करने में मदद करता है।
- यह पेट की सफाई कर एसीडिटी, कब्ज और गैस की समस्या दूर करता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है।
- हाई BP या पेट संबंधी परेशानी में यह विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
7. स्किन प्रॉब्लम्स
- स्किन को ग्लोइंग और मुलायम बनाता है।
- अगर गिलोय और एलोवेरा का जूस नियमित पिया जाए तो स्किन हेल्दी रहती है और इंफेक्शन से बचाव होता है।
- गिलोय शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है, जिससे चेहरे पर नैचुरल ग्लो आता है।
गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि
- गिलोय बेल – 2.5 इंच का टुकड़ा
- गिलोय के पत्ते – 2
- अदरक – ½ इंच
- हल्दी – ¼ चम्मच
- तुलसी पत्ते – 8-10
- 1 कप पानी डालकर पीसें, फिर 1 कप और पानी डालकर उबालें जब तक आधा न रह जाए।
- छानकर सुबह खाली पेट पिएं।
गिलोय उगाने का तरीका
गिलोय का 4-6 इंच टुकड़ा गीली मिट्टी में लगाएं, 10-20 दिनों में नई पत्तियां आ जाएंगी।
सावधानियां
- गर्भवती महिलाएं सेवन न करें।
- लो ब्लड शुगर वालों को डॉक्टर की सलाह लें।
- लंबे समय तक बिना विशेषज्ञ की सलाह सेवन न करें।
FAQ – गिलोय से जुड़े सवाल
1. गिलोय कब पीना चाहिए? – सुबह खाली पेट या शाम को हल्का खाना खाने से पहले।
2. क्या डायबिटीज़ के मरीज गिलोय ले सकते हैं? – हां, लेकिन लो शुगर वालों को सावधानी बरतनी चाहिए।
3. क्या गिलोय रोज पी सकते हैं? – हां, लेकिन सीमित मात्रा में।
4. डेंगू में गिलोय कैसे लें? – गिलोय और पपीते के पत्तों का रस बराबर मात्रा में दिन में दो बार लें।
5. क्या गिलोय से कोई साइड इफेक्ट है? – अत्यधिक सेवन से लीवर पर असर हो सकता है।
निष्कर्ष
गिलोय न सिर्फ बीमारियों से बचाती है बल्कि इम्यूनिटी भी मजबूत बनाती है। इसे सीमित मात्रा में और सही तरीके से सेवन करें।