परिचय
आंवला (Indian Gooseberry) आयुर्वेद में अमृत समान माना जाता है। इसमें विटामिन C, आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। अगर इसे सही तरीके से लिया जाए तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। आज हम आपको आंवला अवलेह से सम्पूर्ण लाभ कैसे पाएं यह बताएंगे – साथ ही इसे बनाने का आसान तरीका, सेवन की सही विधि, इसके फायदे और स्वास्थ्य सावधानियां भी जानेंगे।आंवला अवलेह (च्यवनप्राश)क्या है?
आंवला अवलेह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक नुस्खा है, जिसमें ताजा कद्दूकस किया हुआ आंवला और शुद्ध शहद मिलाकर धूप में रखा जाता है। इसमें पकाने की जरूरत नहीं होती, जिससे आंवला के सभी पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं।
क्यों खास है आंवला अवलेह?
आंवला अपने आप में एक सुपरफूड है, लेकिन जब इसे शहद के साथ मिलाकर अवलेह के रूप में तैयार किया जाता है तो इसके गुण कई गुना बढ़ जाते हैं। शहद इसे प्राकृतिक प्रिज़र्वेटिव की तरह सुरक्षित रखता है और शरीर में इसके पोषक तत्वों के अवशोषण को भी बढ़ाता है।
आंवला अवलेह (च्यवनप्राश)के प्रमुख फायदे
1. नसों को शक्ति देता है
आंवला पेट को मजबूत करता है, और पाचन सुधरने से नसों में भी ताकत आती है। आयुर्वेद के अनुसार पेट से जुड़ी 24 मुख्य नसें पूरे शरीर में असर डालती हैं, इसलिए पेट स्वस्थ रहने से नसें भी स्वस्थ रहती हैं।
2. मांसपेशियों की मजबूती
रोज आंवला अवलेह खाने से खून शुद्ध होता है और शरीर में ताकत आती है। यह थकान और कमजोरी को कम करता है और ऊर्जा स्तर को बनाए रखता है।
3. हड्डियों के लिए वरदान
इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन C हड्डियों को मजबूत और लचीला बनाते हैं। बुजुर्ग और बच्चे दोनों ही इसके सेवन से लाभान्वित होते हैं।
4. धातु बल में वृद्धि
आयुर्वेद में धातु का अर्थ है शरीर की संरचनात्मक और प्रजनन शक्ति। आंवला अवलेह धातु को पोषण देकर ओज, बल और तेज बढ़ाता है।
5. एंटी-एजिंग गुण
आंवला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C त्वचा और बालों को स्वस्थ रखते हैं, झुर्रियों और समय से पहले बुढ़ापे के असर को कम करते हैं।
आंवला अवलेह (च्यवनप्राश) बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री
- ताजा हरा आंवला – ½ किलो
- शुद्ध शहद – ½ किलो (या जरूरत के अनुसार थोड़ा अधिक)
बनाने की प्रक्रिया
- आंवला धोकर साफ कपड़े से पोंछ लें और धूप में आधा घंटा सुखाएं ताकि नमी पूरी तरह निकल जाए।
- आंवला को मोटे कद्दूकस पर कस लें और बीज निकाल दें।
- कसे हुए आंवले को कांच के साफ जार में हल्के हाथ से भरें।
- इतना शहद डालें कि आंवला पूरी तरह डूब जाए।
- जार को अच्छी तरह बंद करें और धूप में 10–12 दिनों तक रखें, रोज हल्के से हिलाते रहें।
- इसके बाद इसे सालभर के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।
सेवन करने का सही तरीका
- सुबह खाली पेट 2 चम्मच आंवला अवलेह लें।
- बच्चों के लिए 1 चम्मच पर्याप्त है।
- आंवला अवलेह लेने के बाद एक घंटे तक कुछ न खाएं।
- 15–20 मिनट बाद दूध लिया जा सकता है।
बाजार का मुरब्बा क्यों न लें?
बाजार में मिलने वाला आंवला मुरब्बा अक्सर चीनी की चाशनी और प्रिज़र्वेटिव के साथ तैयार होता है, जिससे इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। जबकि शहद में बना आंवला अवलेह ज्यादा पौष्टिक और सुरक्षित होता है।
आंवला अवलेह खाने से पहले स्वास्थ्य सावधानियां
आंवला अवलेह आमतौर पर सुरक्षित और लाभकारी है, लेकिन कुछ लोगों को इसे सीमित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए।
मधुमेह: ब्लड शुगर नियंत्रण में सहायक।
इम्यूनिटी बूस्टर: सर्दी-जुकाम, गले की खराश, वायरल इंफेक्शन से बचाव।
हृदय रोग: कोलेस्ट्रॉल कम करने और हृदय की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद।
आंखों के रोग: दृष्टि सुधार और मोतियाबिंद की संभावना कम करना।
बाल और त्वचा: बाल झड़ना, समय से पहले सफेद बाल, मुंहासे, झुर्रियां।
हड्डियों और जोड़ों के रोग: ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, जोड़ों में दर्द।
एनीमिया: खून की कमी दूर करने में सहायक।
किन स्थितियों में आंवला अवलेह से परहेज करें?
- लो ब्लड प्रेशर (Hypotension): आंवला BP कम कर सकता है।
- लो ब्लड शुगर (Hypoglycemia): डायबिटीज के मरीज जो दवा लेते हैं, उन्हें ब्लड शुगर बहुत कम न हो, इसका ध्यान रखें।
- हाइपरएसिडिटी: संवेदनशील पेट वाले लोग खाली पेट ज्यादा मात्रा में न लें।
- गंभीर किडनी या लिवर रोग: डॉक्टर की सलाह से ही सेवन करें।
- सर्जरी से पहले: खून पतला करने वाला प्रभाव होने के कारण सर्जरी से 1–2 हफ्ते पहले सेवन बंद करें।
ध्यान दें: किसी भी रोग या विशेष स्थिति में आंवला अवलेह का सेवन शुरू करने से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
निष्कर्ष (Conclusion)अगर आप इसे नियमित रूप से और सही मात्रा में लेते हैं तो यह पाचन, इम्युनिटी, हड्डियों, त्वचा, बाल और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या बीमारी के लिए हमेशा योग्य चिकित्सक से सलाह लें।





